निजामुद्दीन सिद्दिकी की रिपोर्ट
बढ़नी, सिद्धार्थनगर
लॉक डाउन को सफल बनाने के लिए भारत नेपाल के सीमावर्ती जनपदों को सील कर दिया गया है। नेपाल के ऐसे नागरिक जो भारत मे अपनी जीविका चलाने के लिए कमाने आये थे अब उन नागरिकों को भारत से नेपाल जाने मे बहुत ही असुविधा हो रही है क्योंकि भारत नेपाल सीमा पूरी तरह से सील कर दिया गया है। भारत के अन्य शहरों से आने वाले नेपाली नागरिकों को नेपाल पुलिस नेपाल सीमा मे प्रवेश करने नहीं दे रही है।

देश मे कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के दृष्टिकोण से बढ़नी पुलिस चौकी के प्रभारी महेश सिंह व थाना ढेबरुआ के एस.ओ. तहसीलदार सिंह द्वारा पूर्व मे नेपाल पुलिस से समझौता कर नेपाली नागरिकों को भेज दिया गया था लेकिन निरंतर लोग आते रहते हैँ, इस बढ़ती वैश्विक कोरोना वायरस के चलते सबसे ज्यादा परेशानी रोज कमाने, रोज खाने वालों की है, अब यह समय है कि समाज का सभी तबका इन गरीबों और जरूरतमंदों के लिए मानवीय आधार पर कार्य करें।

लेकिन जहाँ नेपाल सरकार, भारत सरकार द्वारा घोषित किये गए लॉकडाउन का समर्थन कर भारत से सटे अन्य क्षेत्रों को बंद करवा दिया है, जिससे इंडो नेपाल बॉर्डर बढ़नी से सटे कृष्णानगर (नेपाल) की सभी दुकान बंद हैँ अन्य क्षेत्रों मे सभी दुकाने बंद पाई गयी हैँ, वहीँ नेपाल सरकार अपने देश के नागरिकों के सुरक्षा के लिए नेपाल की दुकाने बंद करवा दी है, लेकिन अफ़सोस की बात ये है की नेपाल भारत सीमा पर तैनात सशस्त्र प्रहरी बल के जवान अपना आमानवीय चेहरा दिखा रहे हैँ अपने ही देश के नागरिकों को नेपाल के सीमा मे प्रवेश नहीं करने दे रहे हैँ,अगर कोई जैसे तैसे सीमा पार कर लेता है तो उसे मार मार कर अधमरा कर छोड़ देते हैँ, कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से नहीं मरा तो इनके मार से जरूर मर जायेगा।
