पर्दाफ़ाश न्यूज़ टीम
लखनऊ
आम जनमानस के भ्र्ष्टाचार से आर्थिक पतन नहीं होता ! मैं समर्थन नहीं कर रहा हूं तथ्य बता रहा हूं , नेताओं के पास जो पैसा जाता है वह ‘ dead money’ है। आम जनता से जो भ्र्ष्टाचार होता है वह ‘ circular money ‘ है बाजार अप्रभावित रहता है क्योंकि इसको ढकने के लिये कहा जाता है क्या जनता ईमानदार है !
जनता न इतनी बौद्धिक है न रास्ते है वह धन को विलुप्त कर दे एक दिन बाजार में लायेगी जो पैसा बाजार में है उससे आर्थिक क्षति देश को नहीं होगी लेकिन नेता – अधिकारी के पास हजार रास्ते है वह पैसे को बाजार से गायब कर दे ।
कठिन है ! लेकिन दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो कुछ भी हो सकता है सभी बड़े वकील कांग्रेस के ऋणी है या पार्टी के कार्यकर्ता है तो जमानत मिल जायेगी लेकिन यदि सरकार सबूत मजबूती से पेश करे तो सजा भी संभव है ।
उच्चस्तर पर भ्र्ष्टाचार भारत कि बड़ी समस्याओं में से एक है यदि इसे आतंकवाद विरोधी कानून के अंतर्गत लाया जाय तभी कुछ हो सकता है।

(लेखक उच्च न्यायालय इलाहाबाद में अधिवक्ता व वरिष्ठ समाजसेवी हैं।)