आर के पाण्डेय की रिपोर्ट
प्रयागराज
जांच प्रक्रिया में निर्धारित जांच कमेटी के समक्ष बीएसए हाजिर नही हुए बल्कि अपने स्टेनो के जरिये समय लिया वहीं, शिकायतकर्ता ने कुल 06 साक्ष्यों के साथ बीएसए पर गम्भीर आरोप साबित किया।
जानकारी के अनुसार संजय कुमार कुशवाहा, बीएसए प्रयागराज के खिलाफ शिकायतों की लंबी फेहरिश्त की जांच के लिए मो0 इब्राहिम उप शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) चतुर्थ मंडल प्रयागराज की कमेटी के समक्ष आरोपी व शिकायतकर्ता को अपना पक्ष रखना था जिसके लिए उन्हें पत्रांक/वै0सहा0/ 1262-64/2019-20 जारी किया गया था लेकिन आरोपी बीएसए खुद हाजिर नही हुआ बल्कि अपने स्टेनो सुरेश पटेल के जरिये समय ले लिया जबकि शिकायतकर्ता आशीष कुमार शुक्ला समाजसेवी ने अधिवक्ता आर के पाण्डेय एडवोकेट हाई कोर्ट इलाहाबाद के जरिये बीएसए के ऊपर लगे आरोपो को बखूबी साबित करते हुए कुल 06 साक्ष्य भी प्रस्तुत किये जिसमे बताया गया कि संजय कुमार कुशवाहा, बीएसए प्रयागराज जानबूझकर भारतीय संसद द्वारा पारित कानून आरटीई ऐक्ट,2009 व आरटीआई ऐक्ट,2005 को नही मानता जिसके वजह से आज भी प्रयागराज में हजारों मानकविहीन व गैर मान्यता प्राप्त अवैध व अमान्य विद्यालय संचालित हैं तथा मई 2017 से आज तक बीएसए प्रयागराज ने बतौर जन सूचना अधिकारी एक भी आरटीआई का जवाब नही दिया है। इसके साथ ही शिकायतकर्ता ने समाचार पत्र की प्रति, प्रीति सिंह, बीईओ द्वारा जारी पत्रांक 392, 393 व 394/2015-16, थानाध्यक्ष घूरपुर की रिपोर्ट, मुख्य सचिव उ0प्र0 का पत्र, विभा सिंह कमेटी की जांच रिपोर्ट, बीएसए द्वारा कूटरचित फर्जी नोटरी एफीडेविट आदि भी बतौर साक्ष्य प्रस्तुत किये हैं। उधर मो0 इब्राहिम जांच अधिकारी ने बताया है कि बीएसए प्रयागराज के प्रकरण में कई जांच निर्धारित है जिसमे एक तो डीएम प्रयागराज द्वारा तीन सदस्यीय जांच कमेटी भी है। फ़िलहाल अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या वर्षों से उपरोक्त बीएसए पर लग रहे आरोपो की निष्पक्ष जांच मे जल्द कोई निर्णय हो पायेगा। वहीं शिकायतकर्ता का कहना है कि वह बीएसए के भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी अंतिम सांस तक लड़ेगा व उसने भ्रष्टाचार मुक्त भारत का संकल्प लिया हुआ है जिसे वह जरूर पूरा करेगा।