आर के पाण्डेय की रिपोर्ट
(नैनी/प्रयागराज)

प्रयागराज जनपद के यमुनापार में बेसिक शिक्षा विभाग में विगत अनेकों वर्षो से जमे खण्ड शिक्षा अधिकारी की फर्जी रिपोर्ट व अवैध विद्यालयों को संरक्षण देने से भ्रष्टाचार लगातार फल फूल रहा है।
जानकारी के अनुसार प्रयागराज के यमुनापार में विकास खण्ड कौंधियारा में प्रीति सिंह विगत तमाम वर्षों से खण्ड शिक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत रही है व र्भ्ष्टाचार की शिकायतें आम हो जाने पर बचाव में विभाग ने उन्हें पहले फूलपुर तहसील व बाद में शंकरगढ़ ट्रांसफर कर दिया है हालांकि उनका अपरोक्ष दबदबा कायम है।
बता दें कि आरटीई ऐक्ट,2009 की धारा 18 के तहत बिना मान्यता के विद्यालय खोले ही नही जा सकते जबकि विगत तमाम वर्षों से गैर मान्यता प्राप्त अवैध व अमान्य विद्यालयों का खुलेआम संचालन जारी है। इसी क्रम में की गई शिकायत के बाद तत्कालीन बीईओ प्रीति सिंह ने पत्रांक- 392, 393 व 394/2015-16 दिनांक-16/09/2015 जारी करके एवं उसपर थानाध्यक्ष की मुहर लगाकर विभाग को अग्रेषित कर दिया जिसके अनुसार सम्बंधित थानों में अवैध विद्यालयों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज होनी थी जबकि आरटीआई ऐक्ट,2005 की धारा 6 के तहत सूचना मांगने पर रत्नेश सिंह, सीओ करछना ने जरिये पत्रांक- प836/2007(ज0सू0अ0-1052/2008) के साथ थानाध्यक्ष की रिपोर्ट संलग्न करके बीईओ के उपरोक्त पत्र के संदर्भ में कार्यवाही से ही इनकार किया है। बड़ा सवाल यह है कि यदि बीईओ के पत्र थानाध्यक्ष को मिले तो जीडी स0, एनसीआर या एफआईआर अथवा सीआरपीसी की धारा 156(3) व 191 के तहत कार्यवाही रिपोर्ट कहाँ गई और यदि जीडी पर दर्ज नही है तो क्या बीईओ प्रीति सिंह ने थानाध्यक्ष व डाकघर की फर्जी मोहर बनवाकर फर्जी रिपोर्ट तो अग्रेषित नही की है। इसी प्रकार गौरीशंकर पब्लिक स्कूल के एक शिक्षक ने जिलाधिकारी प्रयागराज को शिकायत भेजकर कहा है कि वह स्वयं उपरोक्त विद्यालय में कक्षा 2 से 8 तक पढ़ाते रहे हैं व उनका लगभग रु0 दस हजार वेतन बकाया है जबकि वर्तमान बीईओ अतुल दत्त तिवारी ने गलत रिपोर्ट देते हुए इस विद्यालय को मान्यता के अनुसार कक्षा 6 से 8 तक हिंदी मीडियम से संचालित बताया है व इसी प्रकार की रिपोर्ट शंभू नाथ एकेडमी के बारे में भी लगाया है। हकीकत यह है कि बिना व्यवस्थित मान्यता के मानक विहीन व बिना अवश्यक सुविधाओ के गौरी शंकर पब्लिक स्कूल, शम्भू नाथ एकेडमी आदि नर्सरी से 8 तक अंग्रेजी माध्यम से अवैध रूप से संचालित हैं। यही नही मुख्य सचिव उ0प्र0 के पत्रांक-1/2018/117/पैंतीस-2-2018-3/39(4)/18 के अनुसार कोई भी आरोपी अधिकारी स्वयं के ऊपर लगे आरोपो की जांच नहीं करेगा बल्कि उससे एक लेवल ऊपर का अधिकारी जांच करेगा अन्यथा उसे निलंबित करके विभागीय कार्यवाही की जाएगी लेकिन इसके बावजूद बीईओ प्रीति सिंह व अतुल दत्त तिवारी तथा बीएसए प्रयागराज संजय कुमार कुशवाहा खुद पर लगे आरोपों की खुद ही जांच करके खुद ही निस्तारण करते रहे है। इस सभी मामलों में उच्च अधिकारियों से लिखित शिकायत शिकायतकर्ता द्वारा की गई है जिसकी प्रति मा0 उच्च न्यायालय व सुप्रीम कोर्ट को भी दी गई है।