पंकज यादव की रिपोर्ट
कैम्पियरगंज, गोरखपुर




सरकार की मंशा तो साफ है कि कराये गये कार्यो में पारदर्शिता हो, जिसके लिए सरकार ने कार्य को अपडेट रखने के लिए शासनादेश भी बना दीं, लेकिन जब उसका अनुपालन उनके मताहत कर्मी न करें तो शासनादेश भला किस काम का।
मामला कैंपियरगंज ब्लाक के नवापार और महावनखोर ग्राम पंचायत अर्न्तगत शासनादेश के तहत ग्राम पंचायत की बैठक व सार्वजनिक सूचना बोर्ड की जीयोटैगिंग से था, जिसमें अधिकारियों द्वारा शासनादेश की खिल्ली उड़ाई जा रही है। नवापार और महावनखोर ग्राम पंचायत की ग्राम सभा की बैठक और सार्वजनिक सूचना बोर्ड की फ़ोटो के स्थाना पर कैम्पियरगंज ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय अलेनाबाद के लोकेशन की जियो टैगिंग की गई है। जिसमें ग्राम विकास अधिकारी सहित बी डी ओ, सी डी ओ सहित उच्च अधिकारियों की चुप्पी से गांव की जनता विकास और जानकारी से वंचित रह जाती है।
प्रकरण को जानने के लिए जी.पी.डी.पी. साइड पर जाकर ग्राम पंचायत की हकीकत की जानकारी ली गयी तो पहां लीपापोती नजर आयी। ग्राम पंचायत महावनखोर के स्थान पर अलेनाबाद फोटो अपलोड की गयी है। फोटो देखकर साफ पता चलता है कि न ही इन ग्राम सभा की बैठक हुई और न ही सार्वजनिक सूचना बोर्ड लगा है। अब शासन की मंशा के साथ खिलवाड़ करने वाले अधिकारी आखिर ऐसा क्यों करते है ये जो वहीं जाने लेकिन, इस अधिकारियों के इस खेल का पर्दाफाश होना ही चाहिए। विकास के नाम पर करोडो खर्च होने के बाद भी कथित विकास वही का वही नजर आता है। शासनादेश मे सभी गतिविधियों की पूरी प्रक्रिया करने का आदेश किया गया है लेकिन भ्रष्ट अधिकारी की लीपापोती के चलते धन का बंदर बाट कर हो रहा है।